“आचार संहिता लागू है – कृपया विकाश न करें “
हर देश में पर्व मनाए जाते हैं —कहीं दिवाली की दीयों से उजाला होता है, कहीं ईद की सेवइयाँ मिठास घोलती हैं,कहीं क्रिसमस के पेड़ सजते हैं, तो कहीं होली के रंग उड़ते हैं। हर राष्ट्र अपने-अपने त्योहारों में मग्न होता है —कभी धर्म के नाम पर, कभी परंपरा के, और कभी छुट्टी के बहाने।…