चेहरे जिंदगी के

jindagi ke do chehre image

कभी हँसी तो कभी ख़ामोशी का गीत है ज़िंदगी,
कभी स्याह रात, कभी सूरज की प्रीत है ज़िंदगी।

कभी सुबह की किरन-सी सुनहरी रोशनी,
कभी शाम की घटा-सी तन्हा रीत है ज़िंदगी।

कभी लहरों का शोर, उमंगों की पुकार,
कभी टूटे सपनों की थमी जीत है ज़िंदगी।

कभी गुलाब-सी महक, कभी काँटों की चुभन,
कभी पतझड़ की खामोशी, कभी भीत है ज़िंदगी।

कभी दिल की दुआ-सी एक कोमल मुस्कान,
कभी अधूरी आरज़ू की पुकार है ज़िंदगी।

कभी रंगों में सजी उम्मीदों की तस्वीर,
कभी टूटे ख्वाबों की बरसात है ज़िंदगी।

कभी यादों की सरगम, कभी सवालों की शाम,
कभी पन्नों में छिपी कोई बात है ज़िंदगी।

कभी मंज़िल की दस्तक, कदमों की थरथराहट,
कभी राहों में बिछी परछाई की मात है ज़िंदगी।

कभी खुद से मुलाक़ात, कभी सबके लिए जीना,
कभी आँसुओं में भी सौगात है ज़िंदगी।

टूटने-सँवरने में ही हर क्षण नई शुरुआत,
चलते रहना ही असली जीत है ज़िंदगी।

            ✍️ कुन्दन समदर्शी            

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